#मन_की_बात

आधुनिक संस्कृति
चेहरों पर कृत्रिम मुस्कराहट,
संवेदनहीनता और क्रूरता को
छिपाने की अकुलाहट,
देवत्व प्राप्त करने की
बेचैनी भरी छटपटाहट.
मगर क्या होता है कामयाब
आज का ये षड्यंत्रकारी बशर,
प्रश्न है सोचनीय मानवता के लिए
चाहती है अपनी सुरक्षा अगर.
राम राम मित्रवर




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