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#मन_की_बात

सत्य और शब्द के बीच
खड़ी रहती है दुर्गम दीवार,
दुर्लभ होते हैं वे दुस्साहसी
जो तोड़ पाते हैं वो दीवार.

वो दीवार है कायरता की
सच जान रह जाता है चुप,
अपनों के खिलाफ षड्यंत्रों में
शामिल हो जाता है गुपचुप.

शब्द जब होते हैं
सत्य का एहसास होता नहीं.
होता है जब सत्य एहसास
अभिव्यक्ति देने की हिम्मत नहीं.

राम राम मित्रवर




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