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#नेहरु_जैसा_कोई_नहीं.

अचानक लोकसभा के अध्यक्ष की आसंदी रिक्त हो गई. नया अध्यक्ष चुना जाना था.
खुसर फुसर चल ही रही थी कि पंडित नेहरु उठे और कौम्युननिस्ट नेता सरदार हुकम सिंह का नाम पेश कर दिया.
नेहरु जी की सभी इज्ज़त करते थे. निर्विरोध चुनाव संपन्न हो गया.
शाम को सरदार हुक्म सिंह तीन मूर्ति भवन पहुंचे और बोले, "पंडित जी, मैंने आपको इतना बुरा भला कहा था. गालियाँ तक दी. फिर भी अपने मुझे अध्यक्ष बना दिया. मैं हैरान हूँ."
नेहरु बोले, "नेहरु की सारे मुल्क में जय जयकार हो रही है., कोई तो हो जो उसकी आलोचना कर सके."
सरदार हुकम सिंह निरुत्तर हो गए. आँखों में जल भर आया. चुपचाप चाय पीकर लौट गए. #इतिहास_के_झरोखे_से





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