पुराने नेताओं के किस्से जब पढते हैं या सुनते है तो न केवल हंसी आ जाती है बल्कि आंसू भी छलक जाते हैं.


१९६५. चीन ने नेहरु जी की पीठ में छुरा मारा था. नई पीढयों को बता दें कि नेहरु (भारत) चाऊ एन लाइ (चीन) मार्शल टीटो (युगोसविया) और नासर (मिश्र) ने विश्व हेतु #पंचशील के पांच सिद्धांत बनाए थे जिससे फिर से युद्ध न हों.

याद रहे विश्व प्रथम और द्वितीय #विश्वयुद्ध की विभीषिकाएं भुगत चुका था. लाखों बच्चे यतीम हो गए थे और स्त्रियाँ विधवा.

मगर चीन धोखा दे गया और भारत पर हमला कर दिया.

संसद में जनसंघ का एकमात्र सांसद था अटल बिहारी. उसने कहा, "संसद में चर्चा होनी चाहिए."

नेहरु तुरंत मान गए. २७ दिन तक चर्चा हुई. नेहरु जी को खरी खोटी सुनाई गई. सरदार हुकम सिंह ने तो हदें तक पार कर दी थी और नेहरु को गाली तक दे बैठे.

नेहरु चुपचाप सुनते रहे.

दोस्त द्वारा तोडा हुआ ह्रदय. मन अधीर. अब नेहरु जी को जवाब देना था. वे उठे और इतना ही कह पाए, "धोखा हुआ है. मैं उसकी जिम्मेवारी लेता हूँ. मगर एक बात बता दूँ. जो क्षेत्र चीन ने हड़पा है, वह बंजर है. घास का एक तिनका भी नहीं उगता."

कांग्रेस सांसद महावीर त्यागी अपना गंजा सिर आगे बढाते हुए बोले, "मेरे और आपके सिर पर भी एक बाल नहीं उगता. तो इनको भी काट कर चीन को दे दो."

उत्तर सुन कर पंडित जी भी ठहाका लगा का हँसने को मजबूर हो गए थे. #इतिहास_के_झरोखे_से





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