पंडित नेहरु की मित्रता विश्व के चोटी के विद्वानों से था. उनके साथ चर्चाओं में शरीक हुआ करते थे. इनमें आइंस्टीन, जार्ज बर्नार्ड शा जैसे विद्वान शरीक होते थे. वही वंशानुगत काम अब #राहुल_गाँधी कर रहे हैं.


ये तस्वीर हमें अपनी ओर खींचती है. एक नाटकों का बेताज बादशाह है और दूसरा वो शख्स जिसने अपने पंखों के नीचे सारी दुनिया को ढक लिया था. गुलामी से लुटी-पिटी माटी के इस सपूत ने विश्व को अपनी उंगली दांतों के बीच दबाने को मजबूर कर दिया था.


जार्ज बर्नार्ड शॉ और पण्डित जी की यह तस्वीर ही सिर्फ़ एक वजह नही है कि हम इसे सहेजें बल्कि शॉ के वह बोल भी सहेजने वाले हैं, जिनमे जिन्ना की मौत पर उन्होंने कहा था कि पण्डित जी ही हैं जो इस वक़्त दोनों देशों का सामूहिक नेतृत्व कर सकते हैं और उन्हें दुनिया के लिए उपहार बना सकते हैं.






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